इंटरनेट की खोज का श्रेय लियोनार्ड क्लेनरॉक, पॉल बैरन, डोनाल्ड डेविस, लॉरेंस रॉबर्ट्स, विंटन सेर्फ़ और रॉबर्ट कहन जैसे प्रमुख कंप्यूटर वैज्ञानिकों को दिया जाता है। 1960 और 1970 के दशक में इंटरनेट को विकसित किया गया था।
इंटरनेट की खोज का मुख्य उद्देश्य संचार को सरल और प्रभावी बनाने का था। पहले समय में, कंप्यूटर नेटवर्क को अलग-अलग तरीके से जोड़ा जाता था, जिससे सूचनाओं का आदान-प्रदान करने में कठिनाई होती थी। क्या समस्या को सुलझाने के लिए इंटरनेट का विकास हुआ, जो एक इंटरकनेक्टेड कंप्यूटर नेटवर्क था, जो डेटा को बड़ी आसानी से शेयर करने की अनुमति देता था। 1969 में इंटरनेट का उद्घाटन हुआ था, जब एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी नेटवर्क (ARPANET) नामक प्रोजेक्ट शुरू किया गया था। क्या प्रोजेक्ट का उद्देश्य कंप्यूटर संचार को बढ़ाना और वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देना है।
इस प्रक्रिया में, इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी) और ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल (टीसीपी) जैसे प्रोटोकॉल विकसित हो गए हैं, जो आज भी इंटरनेट का मुख्य आधार हैं। प्रोटोकॉल के आधार पर ही आज आधुनिक इंटरनेट का विकास हुआ है।
इंटरनेट के विकास का कारण:
व्यापक विचारधारा: इंटरनेट का विकास व्याप्त विचारधारा और सामाजिक आवश्यकता की पहचान पर आधारित था। लोगों को जानकारी साझा करने के लिए, जोडने और प्राप्त करने की जरूरत थी, जिसे इंटरनेट ने पूरा किया।
वैज्ञानिक अनुसंधान: इंटरनेट का मुख्य उद्देश्य वैज्ञानिक अनुसंधान और अकादमिक संचार को बढ़ावा देना था। इस वैज्ञानिक और शोधकर्ता अपने विचारों को एक दूसरे के साथ साझा करें।
सैन्य संचार: ARPANET का उदघाटन प्रमुख रूप से सैन्य संचार को बेहतर बनाने के लिए हुआ था। इस सैन्य इकाइयों और शोधकर्ताओं ने अपने डेटा और शोध निष्कर्षों को एक दूसरे के साथ साझा किया।
तकनीकी प्रगति: इंटरनेट के विकास के पीछे एक महत्वपूर्ण करण भी प्रौद्योगिकी की प्रगति है। नेटवर्क प्रोटोकॉल, हार्डवेयर, और सॉफ्टवेयर की वृद्धि ने इंटरनेट को आज के रूप में बदल दिया है।
वैश्वीकरण: इंटरनेट का विकास वैश्वीकरण को भी तेजी से बढ़ाया गया। व्यापार, संचार और संस्कृति विनिमय में इंटरनेट ने एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।